Monday, February 21, 2011

dedicated


आज सर्वप्रथम, कर रहे हैं हम नमन,
उस खुदा  को, जिनके आशीर्वाद स्वरुप,
आपसे मिले हैं हम...

दया है उस ईश्वर की हम पर,
जो आपसे हमारा सरोकार हुआ...
आपका स्नेह हमारे लिए तो है,
एक अनमोल उपहार हुआ...

आपके स्नेह भरे सहयोग से, आपने हमारे दिल में एक अतुल्य स्थान पाया है...
और इसीलिए तो हमारे दिल में भी, आपके लिए स्नेह का सागर समाया है...

जो ज्ञान और सहयोग मिला है आपसे हमें,
हम सदा उस पर अमल करेंगे...
आपके ही दिखाए रस्ते को अपना कर,
अपनी हर मंजिल में आपका ही नाम कायम करेंगे...

आपके नक़्शे - कदम पर चल कर,
हम भी एक नया जहाँ बसाएँगे...
पर जिंदगी के इस सफ़र में,
हर कदम पर आप हमको हमेशा याद आएँगे...

करते हैं ये दुआ आज हम, के आप रहो जहाँ भी...
पाओ हर ख़ुशी और सफलता, वहाँ भी...

खुशियों से भरा हो आपका हर आने वाला कल...
आज तो खुदा से करेंगे यही दुआ हम हर पल...

ख़ुशी और गम के इस अंतिम मौके पर, हम आपको इतना स्नेह दे जायेंगे...
के चाह कर भी आप हमको, कभी भुला न पाएंगे...

And At Last... I wanna say...
Seniors!!

हर घड़ी हर पल आप हम सबको खुद से भी ज्यादा याद आएँगे...
चाहे जिंदगी के सारे लम्हे बीत जाएँ, पर जो वक़्त हमने गुजरा साथ आपके,
उन्हें हम कभी न भुला पायेंगे...

1 comment:

  1. nice poem for ur seniors they would have loved it right

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