Saturday, February 26, 2011

कभी कभी

क्या है ये ?
कभी कभी 
जी भर के रोने का मन करता है..


कभी कभी 
जी भर के हँसने का मन करता है...

कभी कभी 
सुबह की पहली किरण का इंतज़ार.

कभी कभी 
अमावश के चाँद के दीदार का इंतज़ार..

कभी कभी 
किसी चहरे की इक झलक का इंतज़ार..

कभी कभी 
उसी चहरे से दूर जाने का इंतज़ार...

कभी कभी 
नींद से चौक पड़ते हैं..

कभी कभी 
नींदें ही उड़ जाती हैं..

आखिर क्या है ये ?

3 comments:

  1. kabhie kabhie mere dil mein khayal aata hain mein kyun aisa likh nahi sakthe
    nice one very touchy

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