Monday, February 28, 2011

आखिर क्यूँ...



मिलना बिछड़ना सब किस्मत का खेल है 
यही होने था तो मिलाया क्यूँ ?


कहीं नफरत और कहीं दिल का मिलन होता है 
दिल का मिलना ठीक है पर ये नफरत क्यूँ ?


बिक जाता हैं हर रिश्ता इस दुनिया में 
तो ये रिश्ते आखिर बनाये क्यूँ ?


बस एक ऐसी ज़िन्दगी जीना चाहते हैं
के जिसमे हम अपने अरमान पूरा कर सके 
पर मुझे तो तूने इतना दर्द दिया क्यूँ ?

और


कम थे क्या तकलीफें हमें
तू और दिए जा रहा है...
कम थी क्या परेशानिया हमें
तू और दिए जा रहा है... 

कम थे क्या दुःख के बादल हमारे साथ
तू और दिए जा रहा है...



कम थे क्या आँसू हमारे
तू हमारे साथ हमारे चाहने वालो को भी दे रहा है

आखिर इस और का अंत कब होगा?

Saturday, February 26, 2011

कभी कभी

क्या है ये ?
कभी कभी 
जी भर के रोने का मन करता है..


कभी कभी 
जी भर के हँसने का मन करता है...

कभी कभी 
सुबह की पहली किरण का इंतज़ार.

कभी कभी 
अमावश के चाँद के दीदार का इंतज़ार..

कभी कभी 
किसी चहरे की इक झलक का इंतज़ार..

कभी कभी 
उसी चहरे से दूर जाने का इंतज़ार...

कभी कभी 
नींद से चौक पड़ते हैं..

कभी कभी 
नींदें ही उड़ जाती हैं..

आखिर क्या है ये ?

मुझे तुम तलाश करो ...

खुद में खो कर मुझे तलाश करो 
अपने अन्दर मुझे तलाश करो 

आसमान का तारा नहीं हूँ
इस ज़मीं पर मुझे तलाश करो 

नदी या पानी में नहीं हूँ
अपने खून में मुझे तलाश करो 

मैं हरदम कहीं हो जाऊँ गायब 
तुम बार बार मुझे तलाश करो 

अपने हाथों गँवा चुके हो तुम मुझे अब 
ज़िन्दगी भर मुझे तलाश करो 

तलाश करो मुझे तलाश करो 
इस तलाश का अंत कभी नहीं होने है वाला 
तलाश ही करते रहो 
कहीं अगले जन्म में मिल जाऊँ...

Friday, February 25, 2011

मेरी ख्वाहिश

आजा कहीं चाहत के फूल खिला कर ले जा,
जो है मेरे पास उठा कर ले जा !

तू मेरे गम को मेरे पास यूँ ही रहने दे,
अपनी खुशियों के वो लम्हे सज़ा कर ले जा!

रोज गिरता हूँ मगर गिर के संभल जाता हूँ,
तुझ में दम है तो मुझे फिर से गिरा कर ले जा!

कोई सूरज तो नहीं अपना कहर बरपा करूँ,
चाँद हूँ मुझमें शहद अपनी घुला कर ले जा!

मैं तो पत्थर की तरह रोज लुड़कता हूँ सनम,
जो तू गंगा है तो फिर मुझको बहा कर ले जा!

मुझको अब दिल का भरोसा नहीं किसी पर आए,
आ कि अब मुझको तू मुझसे चुरा कर ले जा!!

Thursday, February 24, 2011

एक ख्वाइश



एक ख्वाइश है झलक मिल जाए उस चहरे  की
के इस दीदार के बाद कोई तमन्ना न रहे...


एक ख्वाइश है उस दिल तक पहुंचे हमेशा 
के दो दिलों की धड़कनों में कोई दूरी न रहे...


एक ख्वाइश है रिश्ता जुड़ जाए उस नाम से हमेशा के  लिए 
के फिर जुदा रहने की कोई मजबूरी न रहे...

एक ख्वाइश है वो प्यार मिले उनसे
के इस दिल की कोई और आरजू न रहे...

एक ख्वाइश है वो हाथ थाम ले कुछ इस तरह
के फिर इस दिल की कोई कमजोरी न रहे...

एक ख्वाइश है के लौट आए वो
के फिर इंतज़ार की कोई वजह न रहे...

एक ख्वाइश है भर जाए खुशियों से दामन
के किसी ग़म की कोई जगह न रहे...

एक ख्वाइश है संग चले वो उम्र भर मेरे
के फिर किसी और का आसरा न रहे...

एक ख्वाइश है के पूरी हो जाए हर ख्वाइश इस दिल की
के फिर 
भगवान से कोई इल्तिज़ा न रहे.
.
एक ख्वाइश है मौत आ जाए उनकी बाहों में
के फिर ज़िन्दगी से कोई शिकायत न रहे...!!

Wednesday, February 23, 2011

मेरी नज़र



जाने क्या ढूँढ रही है आज, मेरी नज़र,
हर इक दिशा से जाने क्या पूछ रही है मेरी नज़र ?

जाने कौन है वो, जिसकी इन्हें तलाश है ?
जाने क्या है वो, जो अभी तक नहीं मेरे पास है ?

जो भी हो, वो जरूर कुछ ख़ास है,
तभी तो आज मेरी हर नज़र को, बस उसकी ही तलाश है...

लगता है, जब तक वह नहीं मिलेगा,
तब तक उसे ही ढूँढती रहेगी मेरी नज़र...
हर गई, हर दिशा से बस,
उसी का पता पूछती रहेगी मेरी नज़र...

जाने कब इन नज़रों की ख़त्म होगी ये तलाश,
जाने कब होगा वो इन नज़रों के पास...

खुदा करे कि जल्द ही इनकी ये तलाश ख़त्म हो जाए...
ताकि मैं भी जान सकूं कि क्या और कौन नहीं था, अब तक मेरे पास ?

मुहब्बत




जो रिश्ते दिल से जुड़ते हैं उन्हें तोड़ा नहीं करते
किसी का साथ रास्ते में कभी छोड़ा नहीं करते ,

कहीं इस से तुम्हारे हाथ ही ज़ख़्मी न हो जाएँ
जो टूटे आइना तो फिर इसे जोड़ा नहीं करते ,

तिजारत के उसूलों पर मुहब्बत की नहीं जाती
मुहब्बत में कभी जज़्बात का सौदा नहीं करते ,

सितम करना, मुहब्बत पर ,ये है आदत ज़माने की
ज़माने के सितम पर हम ये दिल तोड़ा नहीं करते,

मुहब्बत के उसूलों में यही पहला उसूल अपना
के हम अपनी मुहब्बत को कभी रुसवा नहीं करते ,

जिस से मुहब्बत करते हो उस से झूट न बोलो
मुहब्बत में कभी शिकायत किया नहीं करते....

Tuesday, February 22, 2011

दोस्ती क्या हैं

दोस्ती एक एहसास है मुहब्बतों का

दोस्ती हर गम साथ चला करती है

दोस्ती साये के मानिंद हवा करती है

दोस्ती दुःख भरे जज्बात का हिस्सा है

दोस्ती खुशिओं के लम्हात का हिस्सा है

दोस्ती क़ुरबानी का दूसरा नाम है

दोस्ती अल्लाह का अनोखा पैगाम है

दोस्ती सुबह की हवाओं सी होती है

दोस्ती महकती फिजाओं सी होती है

दोस्ती फूलों की खुशबु सी होती है

दोस्ती सपनो की एक जादू सी होती है

दोस्ती दोस्तों की वफाओं से होती है

दोस्ती के सुरों का संगीत होती है

दोस्ती सब को प्यार करना सिखाती है आपस में

दोस्ती लड़ना और झगड़ना सिखाती है आपस में

सारे दोस्तों को बस यही कहना है

दोस्ती की हर शान कभी कम होने न देना

चाहे जान पर ही क्यों न आ जाए, कुछ भी हो

जज़्ब - ए - दोस्ती को कभी बदनाम न होने देना...

गलती क्या हैं

किस से पूछें कि हमारी गलती क्या हैं जिस का अंजाम अब मिल रहा हैं
शाम के तारो से पूछा
समुंदर के किनारे से पूछा
बारिश के बूंदों से पूछा
रात के चाँद से पूछा
धरती की माटी से पूछा
हवन की अग्नि से पूछा
नदी के पानी से पूछा
जवाल्मुखी के ज्वाल से पूछा
सागर के प्राणियो से पूछा
आकाश के पक्षियों से पूछा
दुनिया के लोगो से पूछा
जंगल के जंतुओं से पूछा
सीने में दिल से पूछा
जग के सब चीजो से पूछा
कही से जवाब न आया . क्यूँ हो रहा ऐसा

Monday, February 21, 2011

dedicated


आज सर्वप्रथम, कर रहे हैं हम नमन,
उस खुदा  को, जिनके आशीर्वाद स्वरुप,
आपसे मिले हैं हम...

दया है उस ईश्वर की हम पर,
जो आपसे हमारा सरोकार हुआ...
आपका स्नेह हमारे लिए तो है,
एक अनमोल उपहार हुआ...

आपके स्नेह भरे सहयोग से, आपने हमारे दिल में एक अतुल्य स्थान पाया है...
और इसीलिए तो हमारे दिल में भी, आपके लिए स्नेह का सागर समाया है...

जो ज्ञान और सहयोग मिला है आपसे हमें,
हम सदा उस पर अमल करेंगे...
आपके ही दिखाए रस्ते को अपना कर,
अपनी हर मंजिल में आपका ही नाम कायम करेंगे...

आपके नक़्शे - कदम पर चल कर,
हम भी एक नया जहाँ बसाएँगे...
पर जिंदगी के इस सफ़र में,
हर कदम पर आप हमको हमेशा याद आएँगे...

करते हैं ये दुआ आज हम, के आप रहो जहाँ भी...
पाओ हर ख़ुशी और सफलता, वहाँ भी...

खुशियों से भरा हो आपका हर आने वाला कल...
आज तो खुदा से करेंगे यही दुआ हम हर पल...

ख़ुशी और गम के इस अंतिम मौके पर, हम आपको इतना स्नेह दे जायेंगे...
के चाह कर भी आप हमको, कभी भुला न पाएंगे...

And At Last... I wanna say...
Seniors!!

हर घड़ी हर पल आप हम सबको खुद से भी ज्यादा याद आएँगे...
चाहे जिंदगी के सारे लम्हे बीत जाएँ, पर जो वक़्त हमने गुजरा साथ आपके,
उन्हें हम कभी न भुला पायेंगे...

Kal ho na ho - Guitar Tutorial

चाँद सा चहरा


फिजा में रंग भरता है तुम्हारा चाँद सा चहरा

मुझे बेचैन करता है तुम्हारा चाँद सा चहरा

उसी एहसास का नशा लिए फिरता हूँ दुनिया में

मेरी खातिर सँवरता है तुम्हारा चाँद सा चहरा

मुझे ये चांदनी रातें बहुत तकलीफ देती हैं

इन आँखों में उभरता

हुआ चाँद सा चहरा.


                                        

times like this



We just can’t see the glowing light
It’s the blighted darkness
Making you blind to look insight 
It’s all the sign 
Showing you the wars you need to fight 


Take another step against the odds
With the house of hope in your heart
Make a hard effort to stand with God
With the burning desire flowing in your blood


Sometimes in life
We can’t stand with the time
It’s the mistakes of other’s 
Leaving you alone to be tormented
It’s the outcry of devilish soul
Letting you in the sand of decontrol





  Take another step against the odds
  With the house of hope in your heart
   Make a hard effort to stand with God
   With the burning desire flowing in your blood

वादा

कहाँ आँसूओं की ये सौगात होगी,
नए लोग होंगे नई बात होगी...
मैं हर हाल में मुस्कराता रहूँगा,
तुम्हारी मुहब्बत अगर साथ होगी ...

चरागों को आँखों में महफूज़ रखना
बड़ी दूर तक रात ही रात होगी...
परेशान हो तुम भी परेशां हैं हम भी,
चलो महकदे में वहीं बात होगी...

चरागों की लौ से सितारों की जौ तक
मेरे दिल में मुहब्बत बहुत थी,
मगर फिर भी तुझे शिकायत बहुत थी,
मेरा दर्द खोलता भी क्यूँ किसी पर,
मुझे मुस्कुराने की आदत बहुत थी...

मेरी ज़िन्दगी में वो लम्हे भी बहुत आए,
तेरी हर क़दम पर ज़रूरत बहुत थी,
मेरा क्या मुझ में हुनर नहीं था,
पर तुझे रूठ जाने की आदत थी...
तुम्ही में मिलूँगा जहाँ रात होगी
जहाँ वादियों में नए फूल आए
हमारी तुम्हारी मुलाक़ात होगी,
मुसाफिर हैं हम भी मुसाफिर हो तुम भी
किसी मोड़ पर फिर मुलाक़ात होगी...