Sunday, November 27, 2011

मेरे लिए तुम वो चाँद हो...

मेरे लिए तुम उस चाँद की तरह हो 
जिसे मैं देख तो सकती हूँ 
पर कभी उसे पा नहीं सकती...



मेरे लिए तुम उस चाँद की तरह हो 
जिसकी तरफ मैं हाथ तो बढ़ा सकती हूँ 
पर कभी उसे छू नहीं सकती...


मेरे लिए तुम उस चाँद की तरह हो 
जिसे मैं करीब महसूस तो करती हू
पर कभी उसके नज़दीक जा नहीं सकती...


मेरे लिए तुम उस चाँद की तरह हो 
जिसकी रौशनी में, मैं खुदको पहचानना चाहती हूँ
पर हमेशा रात के अँधेरे में खो जाती हूँ...


मेरे लिए तुम उस चाँद की तरह हो 
जिसकी गहराई में, मैं डूब जाना चाहती हूँ
पर खुदको हमेशा किनारे पर ही पाती हूँ...


मेरे लिए तुम वो चाँद हो 
जो ना कभी मेरी ज़मी पर आएगा 
और ना कभी मेरा हो पायेगा 
पर फिर भी वो तुम हो...

- सृजना

Tuesday, November 15, 2011

नया साल मुबारक

नया साल 
लेके आएगा नए उम्मीदें 
जो पूरे होंगे कि नहीं, नहीं पता 

लेके आएगा नए रास्ते 
जो कहाँ तक ले जायेंगे नहीं पता 

लेके आएगा नए लोग 
जो क्या देंगे हमें नहीं पता 

लेके आएगा नयी सुबह 
जो कब तक रौशनी देगा नहीं पता 

लेके आएगा नए रिश्ते 
जो हमें निभा पाएंगे कि नहीं, नहीं पता 

क्या होगा इस नए साल में नहीं पता 
फिर भी सभी की ख्वाहिशें पूरी हो ये आशा है हमारी 
नया साल मुबारक 

Monday, November 14, 2011

वो अज़नबी लड़का...


मुझे लगता है ऐसा कभी - कभी
जैसे वो अनजबी लड़का 
मुझसे प्यार करता था 
मुझे चाहता था 
अक्सर युही छुप- छुप कर …….
देखता था..
जाने क्या सोच कर 
नजरें चुरा लेता था 
कुछ घबरा सी जाती थी मैं 
महसूस मुझे यह होता था कि 
शायद मुझे वो बहुत चाहता था 
मुझे ऐसा एहसास दिलाता था जैसे 
वो मुझे कुछ कहना चाहता था 
मेरे पूछने पर बात को पलट देता था 
कुछ घबरा के सो जाती थी मैं 
चोरी चोरी मेरे को पुकार कर छुप जाता था 
वो अनजबी लड़का शायद प्यार करता था मुझ से 
ऐसा महसूस होता था जाने क्यूँ मुझे ?
दिल भी कितना पागल है 
क्या - क्या सोचता रहता है 
कुछ मासूम से जज़्बात हैं 
कुछ अनदेखे सपने हैं 
मगर वो नहीं जानता शायद 
मेरी ज़िन्दगी तो वो ही था.…………

- सृजना