Tuesday, January 10, 2012

कोई तो उससे कहो


वो साथ था तो ज़माना था हमसफ़र मेरा 
मगर अब कोई नहीं मेरे साथ उससे कहो 

बिखर रही हैं मेरी उमीदें उससे कहो 
कभी मिले तो यही बात उससे कहो 

उसे कहो कि बिन उसके दिन नहीं कटता 
सिसक सिसक के कटती हैं रातें मेरी 

उसे पुकारूँ या खुद ही चले जाऊं उसके पास 
नहीं है अब वो हालात उससे कहो 

अगर वो फिर भी ना लौट आए तो 
हमारी दिल की हालत उससे कहो 

हार जीत उसके नाम कर रही हूँ मैं 
मैं मानती हूँ अपनी हार उससे कहो 

वो जल्द वापस आ जाए 
और बस मेरा हो जाए
अब कोई तो...
उससे कहो...

- सृजना

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