Monday, September 5, 2011

दिल आखिर तू क्यूँ रोता है ?


आज जब दर्द के बादल छाये
आज जब गम के साये लहराए 
जब आँसू पलकों तक आए 
जब ये तन्हा दिल घबराए 
जब ये दिल जोर से धड़कने लगे 
हम ने दिल को ये समझाया
दिल आखिर तू क्यूँ रोता है ?

दुनिया में आखिर ऐसा ही होता है 
ये जो गहरा सन्नाटा छाया है 
वक़्त ने किसी को नहीं छोड़ा 
थोड़ा गम है सभी की किस्मत में 
थोड़ा धूप है सभी के हिस्से में 
हर पल कुछ न कुछ होता है 
आखिर क्यूँ ऐसा होता है ?
दिल आखिर तू क्यूँ रोता है ?

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