मिलना बिछड़ना सब किस्मत का खे
यही होने था तो मिलाया क्यूँ ?
कहीं नफरत और कहीं दिल का मिलन
दिल का मिलना ठीक है पर ये
बिक जाता हैं हर रिश्ता इस दुनि
तो ये रिश्ते आखिर बनाये क्यूँ ?
बस एक ऐसी ज़िन्दगी जीना चाहते हैं
के जिसमे हम अपने अरमान पूरा
पर मुझे तो तूने इतना दर्द दिया क्यूँ ?
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