आज फिर दुनिया को भुलाने का मन किया
इस भीड़ से खुद को मिटने का मन किया
खो गयी थी ये रूह जाने किस रास् ते
आज उसे सही राह लेन का मन किया
जिन अपनों को भुलाया था हमने
आज उन्हें याद कर जाने का मन किया
जिनका साथ छोड़ दिया था सफ़र मे ं
आज फिर उनका साथ निभाने का मन किया...
जिनको दिया था दुःख कभी
उन्हें खुश कर जाने का मन किया
इस भीड़ से खुद को मिटने का मन
खो गयी थी ये रूह जाने किस रास्
आज उसे सही राह लेन का मन किया
जिन अपनों को भुलाया था हमने
आज उन्हें याद कर जाने का मन किया
जिनका साथ छोड़ दिया था सफ़र मे
आज फिर उनका साथ निभाने का मन
जिनको दिया था दुःख कभी
उन्हें खुश कर जाने का मन किया
आँखों में दिए थे आँसू जिन्हें
उनके चेहरे पर मुस्कान लेन का मन किया
किया था जिन्हें प्यार कभी
आज उन पर मिट जाने का मन किया
हर वक़्त रहा था जिनका सहारा
उन्हें शुक्रिया कह जाने का मन किया
पराया समझा जिसने अपनों को
उन्हें फिर अपना बनाने का मन कि या
बिताये थे जो पल साथ में
उन पलों में खो जाने का मन किया ...
जिंदा हुए वो भूली यादें
आज उनमें बह जाने का मन किया
बहुत सुन्दर दिखी आज दुनिया
आज फिर से जीने का मन किया...!!
उनके चेहरे पर मुस्कान लेन का
किया था जिन्हें प्यार कभी
आज उन पर मिट जाने का मन किया
हर वक़्त रहा था जिनका सहारा
उन्हें शुक्रिया कह जाने का मन
पराया समझा जिसने अपनों को
उन्हें फिर अपना बनाने का मन कि
बिताये थे जो पल साथ में
उन पलों में खो जाने का मन किया
जिंदा हुए वो भूली यादें
आज उनमें बह जाने का मन किया
बहुत सुन्दर दिखी आज दुनिया
आज फिर से जीने का मन किया...!!
जिंदा हुए वो भूली यादें
ReplyDeleteआज उनमें बह जाने का मन किया
बहुत सुन्दर दिखी आज दुनिया
आज फिर से जीने का मन किया...!!
Sunder ...Bahut Sunder
जिनको दिया था दुःख कभी
ReplyDeleteउन्हें खुश कर जाने का मन किया
आँखों में दिए थे आँसू जिन्हे उनके चेहरे पर मुस्कान लेन का मन किया
बहुत सुंदर अभिव्यक्ति मन की .......
bahut achchi kavita hai.. .
ReplyDelete:))