मेरी आँखों पे मरता था
मेरी बातों पे हँसता था
मेरी अदाओं पे मिट जाता था
मेरे आसुओं से उसे दर्द होता था
ना जाने कौन था वो
जो मुझे खोने से डरता था
मुझसे जब भी मिलता था
हर बार एक ही बात करता था
मेरी बातों पे हँसता था
मेरी अदाओं पे मिट जाता था
मेरे आसुओं से उसे दर्द होता था
ना जाने कौन था वो
जो मुझे खोने से डरता था
मुझसे जब भी मिलता था
हर बार एक ही बात करता था
सुनो
मैं भूल जाऊं तो
मैं रूठ जाऊं तो
तुम भूल पाओगी क्या सब कुछ
यही बातें थी उसकी हर पल
यही यादें थी उसकी मेरे पास
यही पता है मुझको
मुझे वो प्यार करता था
मुझे खोने से डरता था....
मैं रूठ जाऊं तो
तुम भूल पाओगी क्या सब कुछ
यूँही हँसती रहोगी क्या हर पल
यूँही हँसाते रहोगी क्या हर पल
यूँही हँसाते रहोगी क्या हर पल
यही बातें थी उसकी हर पल
यही यादें थी उसकी मेरे पास
यही पता है मुझको
मुझे वो प्यार करता था
मुझे खोने से डरता था....
वाह क्या बात है। बहुत खुब।
ReplyDeletebahut badhiya... Srujana...
ReplyDeletekeep it up :)