हमारे ना होने से कुछ भी नहीं बदला,
ये सूरज भी वहीँ से निकलता है,
आसमान पे तारे भी निकलते हैं,
और चाँद की चांदनी भी होती है...
हवा भी चलती है,
नदियाँ भी बहती हैं,
फूल भी खिलते हैं,
इनमें खुशबु भी होती है...
संसार भी चलता है,
लोग भी अपने अपने काम में मस्त हैं
सब कुछ वही तो है
और वैसा ही है...
लेकिन,
ना जाने क्यूँ,
तुम्हारे ना होने से हर चीज अधूरी सी लगती है,
हर सुबह, शाम सी लगती है,
हर मुस्कान उदास सी लगती है,
हर महफ़िल अन्जान सी लगती है,
हर धड़कन बेजान सी लगती है,
सच तो ये है कि
सारी दुनिया वीरान सी लगती है...
- सृजना
nice poem Srujana... Heart touching lines...
ReplyDeleteNee feel ento ardhamavthundhi raa...
ReplyDeleteNijam gaa ee poem loo ee shayari loo
ninnee chusthunnaanu.............
nijam gaa ntho baadha padithene gaani ilaanti
feeel raadhu... Adhi bharinchee vaallakee
telusthundhi ra Srujana ga