तमन्ना और ख्वाहिशें पूरी हो ख्वाबो में,
हकीकत बन जाए तो क्या बात है...
हकीकत बन जाए तो क्या बात है...
जो शरीफों की शराफत में न हो,
वो एक शराबी कह दे तो क्या बात है...
जो हम न कह सके,
वह वो कह दें तो क्या बात है...
तोड़ करके तो सब जायेंगे दिल मेरा,
कोई उन्हें जोड़ दे और फिर से टूटने ना दे तो क्या बात है...
कोई उन्हें जोड़ दे और फिर से टूटने ना दे तो क्या बात है...
for this poem... - "kya baat hai?"
ReplyDeletebahut badhiya srujana
truly said
ReplyDeletefull of emotions...:)